मन पर काबू कैसे करें? मन की एनर्जी एक दिशा में कैसे काम करेगी?

दोस्तों क्या आपने कभी अपने अंदर झाक कर देखा है? कुछ 8-10 बातें ही होंगी जिन्हें आप हर दिन सोचते रहते हो। आपके दिमाग के पास कोई नई बातें नहीं है हर दिन आपके दिमाग मे गिनी चुनी बातों का चक्र चल रहा है और क्या वो बातें काम की है?

आपके दिमाग मे चल रही और रिपीट हो रही आधे से ज्यादा बात किसी काम की नहीं है। लेकीन उसके बाद भी मैं चारो तरफ देखता हूँ लगभग सभी लोग दिमाग की 8-10 वही वही बातें सोच रहे है। आपको पता न हो लेकिन अनजाने में ही आप अपनी पूरी शक्ति बेतुकी बातों को सोचने में ही व्यर्थ कर रहे हो।

उम्र मायने नहीं रखती, क्युकी बड़ी उम्र के लोग भी केवल सोचने में व्यस्त है। वो अब तक मन के लेवल से ऊपर नहीं उठ पाए,  क्या ऐसे ही चलेगा ये जीवन? आप अभी जो जो बातें दिन भर मन में दोहरा रहे हो इस दोहरावे से आपको क्या परिणाम मिलेंगे?

शायद कुछ नहीं। जब हम एक बार नींद पूरी करते है तो हमें 100% एनर्जी मिलती है। आपकी 99% एनर्जी आपके फ़ालतू के विचारों को सोचने में लग रही है। अब बची 1% एनर्जी। इस 1% एनर्जी का उपयोग करके आप लाइफ़ में क्या प्रोडक्टिव कर पाओगे? कैसे आपका फ़ोकस बढ़ पायेगा। कैसे काम में मन लग पाएगा? 

अभी आप खुद से प्रोमिस करोगे मैं आज मोबाइल का इस्तेमाल न करके 1 घण्टे पढ़ाई करूँगा। आप पढ़ने बैठोगे, मन नहीं लगेगा,फिर रूम में देखोगे की यहाँ मेरे टाइम पास के लिए क्या है? ध्यान नहीं लगेगा तो पेन से खेलने लगोगे।  याद रखो मन को एक दुकान से बाहर निकलोगे तो वो दूसरी जगह काम ढूढं लेगा, आप उसे मोबाइल नहीं दोगे तो वो कोई दूसरी चीज ढूंढ लेगा अपने टाइमपास के लिए, लेकिन आपको पढ़ने या किसी काम मे फोकस नहीं करने देगा।

पढ़ा हुआ लंबे समय तक याद कैसे रखें? अगर exam में आप भी पढ़ा हुआ भूल जाते हो तो इसे जान लो

ओशो की एक कहानी मुझे बेहद पसंद है उसमे -

 एक बेहद अमीर राजा अपनी संपत्ति छोड़, मन की शांति के लिए जंगल चला गया वहाँ वो ध्यान करने लगा  रात भर ध्यान के बाद सुबह हुई और सूर्य के प्रकाश में उसे एक पत्थर दिखाई पड़ा। राजा ने आँख खोली तो सामने एक बड़ा सा हीरे का टुकड़ा पड़ा था.राजा, हीरे के बारे में सोचना, शुरू करने ही वाला था लेकीन उसे समझ आया मैं इतनी दौलत छोड़ यहां आया हूँ इस हीरे का मेरे लिए कोई मूल्य नहीं। तभी वहां 2 सैनिक आमने सामने से आए और दोनों की नजर एक साथ हीरे पर पड़ी और दोनो ने कहा हीरा मैंने पहले देखा, हीरा मेरा है। लेकीन दोनो को देख राजा मुस्कुराया की हीरा तो सबसे पहले मैंने देखा ये तो मेरा हुआ, लेकीन राजा फिर समझ गया कि मेरा मन फ़िर किसी दूसरी ओर भटक रहा है

दोस्तों आपको पता भी नहीं चलता आपका मन इतनी बारीक बारीक जगह से प्रभावित हो कर अलग दिशा में निकल जाता है, आप करने कुछ बैठते हो और मन में कुछ और सोचने लगते हो। आपको अपने मन के चोर को पकड़ना शुरू करना होगा.

शांत बैठ कर ध्यान से देखो आपका मन कैसे और कहाँ कहाँ भटक रहा है। जिस दिन ये चोर पकड़ा गया उस दिन आपके भीतर एक नए व्यक्ति का जन्म होगा। और इस नए व्यक्ति के मन कि सारी शक्तियां एक ही दिशा में काम करेंगी और ऐसे व्यक्ति का किया गया हर काम महान होगा।

दूसरों के मन की बात को कैसे जाने ? How To Read Mind Throughs 

याद रखो अगर तुमने मन को पूरी तरह से नहीं समझा तो ये तुम्हें जीवन की ऊंचाइयों तक नहीं पहुचने देगा और तुम जीवन के निचले तल पर जी कर एक दिन खत्म हो जाओगे. वैज्ञानिक बनो और अपने मन की प्रवित्ति को शान्त बैठ कर समझना शुरू करो. वरना जीवन भर मूर्खो की तरह बेतुके विचारों में ही उझले रह जाओगे | meditation करो, योग करो, exercise करो और मन को ध्यान से देखना शुरू करो तभी आप इससे ऊपर उठ पाओगे । मन से ऊपर उठना है तो उसे अच्छी तरह से जान लो । जितनी गहराई से हम किसी चीज़ को जानते और समझते है उतनी तेज़ी से हम उस चीज से ऊपर उठ जाते है। जान लेना और समझ लेना ही सूत्र है। 

तुम्हारी तकदीर तुम्हें खुद लिखनी है थोड़ी मेहनत करो। ये फ़ालतू का दिन भर सोचते रहना किसी काम नहीं आएगा मन से ऊपर उठाे और आगे बढ़ो।






Post a Comment

Previous Post Next Post