सांडे का तेल क्या होता हैं? इसके फायदे, नुकसान, खतरनाक सच्चाई

सांडे का तेल एक सांडे जानवर से निकाला जाता हैं आइए सबसे पहले तो जानते हैं की  सांडे केसे दिखता हैं

यह डरावना दिखने वाला सरीसृप प्रजाति की बड़ी छिपकली होती हैं जिसे पाकिस्तान तथा राजस्थान, पंजाब भाषा में सांडा कहते है दिखने में ये भले ही डरावना लगता हैं लेकिन यह बहुत सीधा सादा भोलाभाला जीव होता हैं इसे विज्ञान की भाषा में “यूरोमेसि्टक हार्डवीकी" भी कहते है ये पाकिस्तान से लेकर राजस्थान के रेतीले इलाक़ों में पाया जाता है अरब देशों में भी इसकी माँग बहूत होती है

सांडे की विशेषताएँ ➤


1. यह एक साहाकारी सरीसृप है ये कभी भी कीटों का शिकार नही करता है

2. ये बिना पानी पीये भी कई वर्षो तक जीवित रह सकता है ये सिर्फ बरसाती ताज़ा पानी पीता है .

3. यह बारिश आने से पहले अपने बिलों को ढक देता है जिससे ग्रामीण लोग बारिश होने की संभावना व्यक्त करते है.

4. यदि इसकी गर्दन को काट भी दिया जाता है तो भी ये कुछ घंटों तक जीवित रहता है

5. ये सांडा Male लगभग 2 फ़ुट तक होता है और मादा इससे कम होती है

6. ये अपने मज़बूत पैर से किसी को नुक़सान नही पहुँचाते बल्कि ये बिलों को खोदने में काम लेते है

7. इनके तीन दाँत होते है एक ऊपर और दो नीचे

8. यह अप्रेल माह के आसपास संभोग करते है और मादा 10–15 तक अंडे देती है इनमें से आधे से कम ही बच पाते है.


लोग इसका अंधाधुँध शिकार क्यों कर रहे हैं ➤

इसके अन्दर दोनों पैरों के बीच में दो वसा की थैलियॉ होती है जिनको पेट में चीरा लगाकर निकाला जाता है इससे तेल प्राप्त होता है जो तेल निम्न कामों में उपयोग करते है

- सांडे के तेल का उपयोग माँसपेशियों और नब्ज में रक्त संचार का काम करता है क्योकि ये बहुत ही गर्म तेल होता है

- इसका उपयोग लोग ज़्यादातर मर्दाना कमजोरी को दूर करने में करते है जैसे :- लिंग का आकार बढ़ाना , लिंग का ढेडापन दूर करना , लिंग को मज़बूती प्रदान करना………आदि

- बहुत सारे लोग सांडे को खा लेते है क्योकि उनको लगता हैं की इससे मर्दाना ताक़त और जोश बढ़ता हैं.


क्या यह सच में काम करता है 

अगर हम बात करे इसके काम करने के तरीक़े की तो आप लोग अक्सर देखते होंगे पाकिस्तान के बजारो में इन मासूम से सरीसृप की ढेरों हकीमों के दूकानो पर अर्धमरी स्थिति में मिल जाते है हालाँकि भारत और पास्किस्तान दोनों में इसका मारना और तेल निकालना ग़ैर क़ानूनी है।

ये काम तो करता है ये सच है या नही ये तो पता नही लेकिन ये जोड़ो में दर्द निवारक में कारगार साबित होता है ऐसा डाक्टर और हकीम लोग बोलते है

अब बात करते हैं मर्दाना ताक़त की तो ये बात कुछ सच साबित होती है लेकिन जितना लोग सोचकर इसको ख़रीदते है उनके मुक़ाबले बहुत ही कम

इससे मालिस करने से रक्त संचार तो होता है लेकिन इसके साइंड इफ़ेक्ट भी हो सकते है क्योकि इसके मालिस से लिंग में अतिरिक्त माँस बनने लगता जो आपको परेशानी में डाल सकता है और मूत्र तक बंद कर सकता है

यह ना ही कोई लिंग वृद्धि करता है ना ही ताक़त उत्पन्न करता है क्योकि ये दोनों कार्य हार्मोन के कारण होते है न कि तेल के कारण इसलिए मेरी राय है कि आप इन चक्करों में ना पड़े


सांडे को केसे पकडा जाता हैं 


ये राजस्थान के इलाक़ों और कुछ हरियाणा पंजाब के इलाक़ों में होता है


इनको पकड़ना बड़ा आसान होता है क्योकि ये अपने बिलों को ताज़ा मिट्टी से ढक्कर रखते जिससे शिकारी लोग इसे आराम से खोज लेते है


फिर शिकारी लोग बिलों में धुआँ करते है जिससे इस मासूम को बाहर आना पड़ता है और शिकार जाल बिछाकर रखते है आते ही इसकी कमर तोड़ देते है जिसके बाद ये भाग तो नही पाता लेकिन कई महीनों तक ज़िंदा रहता है बाद में जैसे जैसे तेल लेने वाले आते है तब उनको मारकर ताज़ा वसा का तेल निकालकर देते है.


सांडे का तेल कैसे निकालते है 


इसके तेल को निकालने के लिए पहले साँड़ों के पेट पर चीरा लगाकर उसकी अन्दर की वसा निकाली जाती है जैसे

ये एक साडे के अन्दर से दो थैलियाँ ही निकलती है फिर इनको निकालकर गर्म करते है तो तेल निकलता है

एक सांडे के अंदर से कितना तेल प्राप्त होता है

एक सांडे से लगभग 1–5 ml तक तेल प्राप्त होता है मतलब लगभग 4–5 बूँद, यदि आपको 100 ml तक चाहिए तो 50–60 सांडे मारने होंगे

जो लोग सिर्फ 3–4 सांडे मारकर बोतल भर कर देते है वो सही नही होता है उसमें कुछ मिलाया जाता है

कुछ साँड़ों की वसा ज़्यादा होती है तो ज़्यादा तेल भी मिल सकता है

ध्यान दे कृपया जोड़ो में दर्द के लिए आप अस्पताल से इलाज करवाये क्योकि इस तेल से इलाज होता है यह तो नही पता लेकिन आपका इलाज डाक्टर जरूर कर देंगे और इस सरीसृप को मारना ग़ैर क़ानूनी है कृपया आप ऐसा करके पाप का भागीदार न बनें।

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