हमारा दिमाग इतना पावर फुल है कि वह कोई भी असम्भव काम भी कर सकता है और उसका उपयोग करके वह सब कुछ आसान बना सकता है।
2-3महीने बाद वो आदमी वापस वैद्य जी के पास आया और बोला आपने जो दवाई दी थी वो तो खत्म हो गयी है और मेरी बीमारी भी ठीक हो गयी है।आप वो दवाई एक बार और दे दो ,जिससे कि बीमारी पूरी ठीक हो जाये।
वैद्य जी बोले कि मैने बताया था न तुम्हे।।इस पर वो आदमी बोला कि वैद्य जी ईंटे तो हमारे घर के पास भी पड़ी थी पर उन पर आपने जो मन्त्र लिखा था वो नही था। इसलिए आप वो मन्त्र लिखकर ईंट दे दो।
वैद्य जी ने आदमी से पूछा कि दवाई कैसे ली थी तो उस आदमी ने बताया कि आपने बोला था न कि इसको पानी में घोल कर ले लेना। तो मै रोजाना उस ईंट को पानी में घोल कर लेता था और मेरी तो बीमरी भी ठीक हो गयी है।
वैद्य जी आदमी की बात सुनकर चौक गए पर उन्होंने उसे दवाई वाली बात नही बताई क्योकि वह ईंट दवाई से भी अच्छा काम कर रही थी।उन्होने दूसरी ईंट पर कोयले से वही दवाई लिखकर दे दी। कुछ महीने बाद वह आदमी बिल्कुल ठीक हो गया।
तो इस कहानी से हम समझ सकते है कि हमारा दिमाग चाहे तो कुछ भी कर सकता है भले वह कितना भी असम्भव क्यों न हो।
अगर हमारा दिमाग किसी भी बात पर 100%विश्वास कर ले तो दुनिया मे कोई भी उस बात को होने से नही रोक सकता।यह हमारे ऊपर depend करता है कि हम अपने दिमाग से क्या करना चाहते है।
अगर हमारा दिमाग किसी भी बात पर 100%विश्वास कर ले तो दुनिया मे कोई भी उस बात को होने से नही रोक सकता।यह हमारे ऊपर depend करता है कि हम अपने दिमाग से क्या करना चाहते है।
या तो दिमाग में Positve Thinking से अपनी life में हर असम्भव काम कर लो या फिर negative thinking से हर काम को मुश्किल बना लो।
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