एक घरेलू चिड़ियाँ कैसे बनी 4 करोड़ से ज्यादा मौतों की वजह।
आज हम आपको अब तक के मानव इतिहास की सबसे बड़ी गलती के बारे में बताते है।
यह घटना 1958की चीन की है। उस time पर सत्ता माओ जेन्डोंग के हाथ मे थी। माओ जेन्डोंग यह चाह रहे थे कि चीन की अर्थव्यवस्था दुनिया मे Number One पर आए।अब चीन की जो अर्थव्यवस्था थी वो खेती पर ही आधारित थी। और माओ चाहते थे कि अच्छी पैदावार हो ताकि उनकी अर्थव्यवस्था बेहतर हो अमेरिका और ब्रिटेन की तरह। माओ ऐसा मान रहे थे कि उनकी जो फसल है उसकी पैदावार को कम करने में गोरैया ही कारण है।
उन्होंने एक अभियान चलाया जिसको चार कीट अभियान मतलब चार कीड़ो का अभियान चलाया।
इस अभियान में उन्होंने गोरैया
,चूहा, मच्छर और मक्खियों को
मारने का आदेश दे
दिया।
अब लोगों ने इनको मारना
शुरू कर दिया परन्तु
चूहा, मच्छर और मक्खियां तो
उनके हाथ नही आती
थी बाकी अब बची
गोरैया।सभी लोग गोरैया को
मारने लगे और माओ
ने इसको मारने वालो
के लिए इनाम भी
रख दिया।लोग गोरैया को मारने के
लिए ढोल बजाते जिससे
कि वो चिड़िया पेड़
पर नही बैठ सके
और उड़ती रहे जिससे
कि वो थक कर
मर जाये और हुआ
भी ऐसा ही।
जहाँ कही भी गोरैया के घोंसले दिख जाते तो उसके अंडो को खत्म कर देते थे। इस तरह से लोगों ने गौरेया की संख्या बहुत कम कर दी। गोरैया की संख्या तो कम हो गयी उसी के साथ कुछ ही महीनों में फ़सलों की पैदावार भी कम हो गयी।पैदावार कम होने का कारण रहा वहा बड़ी भारी संख्या में टिड्डियों का फसलों पर हमला।टिड्डियों ने फसलों को खत्म कर दिया जिससे वहाँ पर भुखमरी की समस्या हो गयी औऱ इस भुखमरी से चीन मे करीब 3करोड़ लोग मारे गये थे। इस घटना को चीन के एक लेखक ने अपनी किताब में लिखा था पर उस किताब को चीन मे बैन कर दिया गया था।
यह घटना चीन की महान त्रासदी (Tragedy) में से एक है।
चीन को प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने की सज़ा तो प्रकृति ने उसको दे ही दी।
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