मन के अंदर के डर को कैसे खत्म करें
डर तो सभी को लगता है किसी को कम तो किसी को ज्यादा। और इस डर ही वजह से हमे बहुत कुछ खोना पड़ जाता है।
आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताते है जो शायद आपके डर को कम करने मे आपकी help कर सके।
एक बार एक चुहा था,जो एक बिल्ली से बहुत ही ज्यादा डरता था। चूहे में डर इतना ज्यादा था कि वो अपने बिल से बाहर ही नही आता था। और कभी बहुत ही जरूरी काम होता तो वह अपने साथ कुछ और चूहों को भी साथ ले आता था।
अब एक दिन ऐसा हुआ कि चूहे को कुछ बहुत ही जरूरी काम आया जिस वजह से उसे बिल के बाहर जाना था।पर वहा दूसरे चूहे नही थे उस दिन।तो वह अकेला ही बाहर निकल गया।वहां उस चूहे को एक दूसरा चूहा मिला। उसने उस चूहे को सारी बात बताई कि वो ऐसे इतना डरता है बिल्ली से।
इस पर दूसरे चूहे ने उसे बताया कि उसके पास कुछ ऐसी शक्तिया है जिससे वह उस चूहे का डर मिटा देगा। यह बात सुनकर चूहा खुश हो गया.
दूसरे चूहे ने उस चूहे को बिल्ली बना दिया।अब चूहा खुश रहने लगा और वह बिल्ली से भी नहीं डरा अब। कुछ दिन बाद उस चूहे को कुत्ता मिला और वो कुत्ता उसके पीछे पड़ गया।कुत्ते से जान बचाकर वो चूहा वहा से भाग आया।अब वह कुत्ते से डरने लगा।फिर दूसरे चूहे ने उसे कुत्ता बना दिया। कुत्ता बनने के बाद वह घूम रहा था तो उसके पीछे शेर पड़ गया।अब चूहे को शेर से डर लगने लगा।फिर दूसरे चूहे ने उसे शेर बना दिया।अब चूहा खुद को जंगल का राजा मानने लगा और आराम से जंगल में घूमने लगा।एक दिन उसके पीछे शिकारी लग गए।अब चूहा खुद छुपा भी नहीं सकता था आसानी से क्योंकि अब उसका शरीर तो बड़ा हो गया था।
ये बात उसने दूसरे
चूहे को बतायी।तो दूसरा
चूहा समझ गया कि
इस चूहे को जो
डर है वह शरीर
के कारण नही है
बल्कि यह डर उसके
मन के अंदर है
,जो उसके शरीर को
बदलने पर नही होगा
खत्म।
दूसरे चूहे ने उस
चूहे को वापस चूहा
बनाया और उसे समझाया
कि मन के अंदर
के डर को खत्म
करोगे तब ही जाकर
इस problem का sollution निकलेगा।
इसके बाद चूहा समझ
गया और अब बिना
डर के खुश रहने
लगा।
So आप को भी समझ
आ गया होगा कि
शरीर को बदलने से
या problems से दूर भागने
से डर नही मिटता।उसके
लिए आप को अंदर
से डर को मिटाना
है।तभी आप वो सब
कर पाओगे जो आप करना
चाहते है।
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