अवचेतन मन की शक्ति का उपयोग करना सीखें। आपका जीवन बदल जाएगा।

महान राइटर डॉक्टर जोसेफ मर्फी ने अपनी पुस्तक अवचेतन मन की शक्ति में एक किस्सा बताया-

एक लड़की कही जा रही थी, रास्ते में उसे एक दुकान पर खूबसूरत बैग दिखाई दिया लेकिन वो बहुत महंगा बैग था। लड़की खुद से बोलने वाली थी कि मैं इतना महंगा बैग नहीं खरीद पाऊंगी। तभी उसे डॉक्टर जोसेफ मर्फी की बात याद आई कि कभी भी किसी नकारात्मक वाक्य को पूरा मत करो तत्काल उलट कर उसे साकारात्मक कर दो. लड़की ने बैग की ओर देखते हुए कहा- ये बैग मेरा है। मैं मानसिक रूप से स्वीकार करती हूँ कि यह मुझे मिलेगा ही मिलेगा।

ये सोच कर लड़की वहां से चली गई और उसी शाम लड़की अपने मंगेतर से डिनर पर मिली, मंगेतर से उसे एक तोहफा दिया जिस के अंदर वही बैग था जिसे लड़की ने सुबह अपना मान लिया था। 

बाद में लड़की ने बताया मेरे पास पैसे नहीं थे उसके बाद भी वो मुझे मिला। अब मैं जान चुकी हूँ। कि मुझे धन या बाकी चाही गई चीजें कहाँ मिलेंगी. मेरी मनचाही चीज़ें मेरे भीतर अवचेतन

मन के शाश्वत खजाने में मौजूद है.

दोस्तों अब इससे कुछ लोग ये अर्थ निकालेंगे की- ठीक है अबसे हमें जो चाहिए होगा। हम उसके बारे में सोचना शुरु कर देंगे की कोई दूसरा व्यक्ति हमें वो मनचाही चीज़ ला कर दे देगा।

नहीं इसका वो मतलब नहीं है। इस किस्से में अवचेतन मन की उस शक्ति को बताया गया है। की किस तरह जब हमारा अवचेतन मन किसी बात पर पूरी तरह यकीन कर लेता है तो वो घटनाएं हमारे साथ घट जाती है। जाने या फिर अनजाने में, जो भी आप अपने अवचेतन मन मे बो देते हो उन सब चीज़ों का परिणाम आपको एक दिन जरुर मिलता है। कल आपने अपने अवचेतन मन मे जो बोया था आज आप उसी के परिणाम हो। आज आपके अवचेतन मन मे जिन विचारों के बीज़ है आने वाले कल में आपको उसी के हिसाब से परिणाम मिलने वाले है।

अगर आपको इच्छित परिणाम चाहिए तो आपको अपने अवचेतन मन के इस्तेमाल को जानना और सीखना होगा। दुनिया में जितने भी महान लोग हुए है उन्होंने अवचेतन मन का इस्तेमाल करना सीख लिया था.

आप जो पाना चाहते है हर दिन उसका दोहराव करें, आस्था रखे, और उम्मीद रखें कि वो मनचाही और सही चीज़ आपकी हो कर रहेगी. सही चीज़ मैंने इसलिए कहा क्योंकि गलत

और फर्जी चीजों के साथ, चाह कर भी हमारी आस्था और विश्वास गहरे नहीं हो पाते. आपकी आस्था और विश्वास गहरे होने चाहिए कि हाँ वो पद, मुकाम, चीज़ मेरी ही है।

मैं उसी पद के लिए बना हूँ. मन मे बार बार अपने लक्ष्य को दोहराने के पीछे भी साइंस है बार बार दोहराने की वजह से हमारा विचार हमारे अवचेतन मन मे पक्के तौर पर फिट बैठ जाता है। 2,4 या 10 बार मे वो विचार अवचेतन मन मे पक्का नहीं हो पाता आपको हज़ारों बार उस मनचाही चीज़ के विचार को दोहराना होगा।

तभी वो आपके अवचेतन मन में पक्का होगा और आपको अपनी इच्छा अनुसार रिजल्ट मिलेगा। इसलिए अपने लिए आप जो पाना चाहते है उस पर 100 प्रतिशत विश्वास कर लीजिए कि वो फलानी चीज़ या मुकाम मेरा ही है। और इसी गहरे विश्वास के साथ अपने काम मे मेहनत कीजिए। 

दिन में 10 बार अपने मनचाहे पद या वस्तु के बारे में अपने मन मे, पूरी शांति से दोहराए। आपके याद रखने लायक कुछ महत्वपूर्ण बातें-

-जीवन का नियम विश्वास का नियम है, आप जिन बातों पर गहराई से विश्वास कर लेंगे आपको वो चीजें रिजल्ट के रूप में मिलनी शुरू हो जाएंगी।

- पूरे आत्म विश्वास से कहो अब मेरा जीवन मेरे हिसाब से चलेगा।

- कभी भी मन मे नाकारात्मक बातें न सोचें ।

- याद रखें अवचेतन मन को सही आदेश दें और वो अपने अंदर छिपी शक्ति को आपके जीवन में सच बना देगा।







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