हमारे  पास सभी के पास दिमाग यानिकि मस्तिष्क होता है। इसके दो भाग होते है-

1.चेतन मन,

2.अवचेतन मन।

नाम तो सभी ने सुन रखा है कि चेतन और अवचेतन मन होते है। लेकिन शायद ही कुछ लोग जानते है कि अवचेतन मन और चेतन मन आखिर है क्या?

तो आज हम आपको इसी के बारे में बताते है कि अवचेतन मन है क्या?

चेतन मन-चेतन मन दिमाग का वह हिस्सा है जो हमारे सुबह उठने के साथ start होता है और तब तक चलता है जब तक हम सो नही जाते।मतलब जो भी चीज़ हम करते है, जो भी सोचते है वह सब अपना चेतन मन है।इसी के द्वारा अगर अपन कुछ काम सीखते है तो उसमें कुछ गलत हो तो अपना मन उसे accepet नही करता है और उसमें तर्क और वितर्क करता रहता है।
अवचेतन मन-अवचेतन मन चेतन मन का बिल्कुल opposite है।हमारा अवचेतन मन भी चेतन मन की तरह हमेशा active रहता है लेकिन यह केवल चेतन मन को सुनता रहता है।अपना कोई भी opinion नही देता है।इसीलिए हम अवचेतन मन की ताकत का पता भी नही लगा पाते है कि ये कितना शक्तिशाली है।

अवचेतन मन क्या है?

तो आपको थोड़ा समझ मे आया होगा कि अवचेतन मन क्या है।अवचेतन मन किसी भी काम के गलत या सही होने पर तर्क वितर्क नही करता है।यह बस चेतन मन जो भी करता है उसी को सही मानता है।परन्तु यह बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली होता है।हमारे शरीर की जितनी भी अनैच्छिक  क्रियाएं होती है सब इसी के control में होती है।हमारा जो mind है वह बहुत कुछ करना चाहता है लेकिन कर नही पाता है।लेकिन जब हमारा अवचेतन मन active हो जाता है तो वह बार बार mind को उस idea पर काम करने के लिए बोलता रहता है।जब भी कोई इंसान अपने अवचेतन मन पर काबू कर लेता है तो वह कुछ बड़ा कर पाता है।हमारा अवचेतन मन हमे हिम्मत देता है किसी भी काम को करे तो हार नही मानने देता है।
एक example से बताते हैं आपको जैसे कि आप साइकिल चलाना सीखना चाहते हैं।तो आप को शुरू शुरू में डर लगेगा।आप साइकिल चलाओगे तो first में गिरोगे आपके चोट भी लगेगी।लेकिन आप हार नही मानोगे।और चलाना सीखोगे।तो यहां आपका अवचेतन मन active था इसलिए आप यह कर पाए।जैसे आप first में गिरे होंगे तो मन मे आया होगा कि नही सीखना मेरे को साइकिल चलाना लेकिन उस टाइम आपके अवचेतन मन की वजह से आप साइकिल चलाना सीखे।उसने आपको हिम्मत दी।

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